अरुणाचल की कहानियाँ- 6: अनीनी, इदु मिश्मि और उनका स्लेव कल्चर

अजनबीयत और परायेपन की दीवार ढाहने में नार्थ-ईस्ट की लड़कियों का कोई सानी नहीं। चूल्हे के ठीक ऊपर सामान रखने की जगह पर बाँस के दो टुकड़े पड़े थे। मुझे नहीं पता था कि एक में जंगली चूहा और दूसरे में गिलहरी को पकाकर रखा गया है। मेरी होस्ट बबया की बहन ने मुझसे चुहलबाजी…… Continue reading अरुणाचल की कहानियाँ- 6: अनीनी, इदु मिश्मि और उनका स्लेव कल्चर