आज की रात इस खूबसूरत से गांव में गुजारनी थी. चाँद की रोशनी में. जंगल की आवाज़ रात भर अपने होने का एहसास कराती रही.
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घुमंतू लड़की-3: पहाड़ों की नशीली सी हवा का जादू
जो काम मैंने बन मक्खन के साथ किया था अगर बन मक्खन की कोई सोसाइटी होती तो उस वक़्त मेरे खिलाफ प्रोटेस्ट चालू हो चुका होता.
घुमंतू लड़की-2: छोटे बालों वाली लड़कियों को लोग इतना घूरते क्यों हैं?
पहाड़ों में इतनी शांति ऐसी अजीब होती है कि आपको अपनी साँसें भी सुनाई देने लगती है. एक सूं सा सन्नाटा कान के चारों और चीखता है.