छत्तीसगढ़ डायरी: डोंगरगढ़ – सिटी ऑफ़ ब्लिस

कुछ जगहों के बारे में हम लिख नहीं सकते सिर्फ महसूस ही कर सकते हैं. ये जगह वैसी ही थी. महसूस करने और खुद को यहां की पॉजिटिव वाइब्स में डुबा देने की.

पहाड़, झरना और बादलों का स्पेशल कॉम्बो है ये जगह

लेकिन बिना प्लान के जो प्लान बनता है ना वो होता गज़ब है. तो होता ये है कि जाना था जापान और पहुंच गए चीन.

घुमंतू लड़की -1: उत्तराखंड में भटकती लड़की का सफ़र…

….मैं मन ही मन खुश हुई कि चलो इन्होंने अकेली लड़की वाला ज्ञान नहीं दिया वरना आंटियों का आधा खून तो इसी में जल जाता है.

नर्मदा परिक्रमा: जुनून और रोमांच से भरा सफ़र ‘प्रोजेक्ट गो नेटिव’ के साथ

”सभी के पास आंखें हैं लेकिन कुछ की अपग्रेडेड हैं. उनकी आंखों में स्कैनर लगे हैं और जैसे ही कोई महिला देखते हैं वो इसे एक्टिवेट कर लेते हैं.”

सोलो ट्रैवेलिंग पर जाना है तो ऐसे बनाएं प्लान…

ग्रुप्स में घूमने का यह नुकसान भी होता है कि आपको सब के हिसाब से चलना पड़ता है लेकिन सोलो ट्रैवेलिंग आपको इंडिपेंडेंट बनाती है.

मांडू: घूमने के शौकीनों के लिए यहां दिखेगी खास ‘लव स्टोरी’

यह खड़ी ढाल के रूप में घुमावदार मार्ग पर बनाया गया है, जहाँ पहुँचने पर हाथियों की गति धीमी हो जाती थी.