छत्तीसगढ़ डायरी: डोंगरगढ़ – सिटी ऑफ़ ब्लिस

कुछ जगहों के बारे में हम लिख नहीं सकते सिर्फ महसूस ही कर सकते हैं. ये जगह वैसी ही थी. महसूस करने और खुद को यहां की पॉजिटिव वाइब्स में डुबा देने की.

अगर आप सुकून की तलाश में हैं तो ये जगह बिल्कुल सही है

यहां की शांति और खूबसूरती के बीच रेत पर पड़ती सूरज की किरणें यह बताती हैं कि प्रकृति कितनी खूबसूरत है.

घुमंतू लड़की -1: उत्तराखंड में भटकती लड़की का सफ़र…

….मैं मन ही मन खुश हुई कि चलो इन्होंने अकेली लड़की वाला ज्ञान नहीं दिया वरना आंटियों का आधा खून तो इसी में जल जाता है.

सांची के बौद्ध स्तूप देखना चाहते हैं तो यहां जानें सब कुछ

वैसे तो सांची साल में कभी भी आया जा सकता है, लेकिन अक्टूबर से अप्रैल के बीच का समय अच्छा होता है.