ये मेरी पहली विदेश यात्रा थी जहां बिना वीजा पासपोर्ट के जाना था. पासपोर्ट में घुन लग गया, या शायद दीमक खा गए, काहे कि उस पे आजतक एयरपोर्ट पे कोई ठप्पा नहीं लग पाया.
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पहाड़, झरना और बादलों का स्पेशल कॉम्बो है ये जगह
लेकिन बिना प्लान के जो प्लान बनता है ना वो होता गज़ब है. तो होता ये है कि जाना था जापान और पहुंच गए चीन.
घुमंतू लड़की-4: ये अनुभव मैं ज़िंदगी भर नहीं भूल पाऊंगी
आज की रात इस खूबसूरत से गांव में गुजारनी थी. चाँद की रोशनी में. जंगल की आवाज़ रात भर अपने होने का एहसास कराती रही.
अगर आप सुकून की तलाश में हैं तो ये जगह बिल्कुल सही है
यहां की शांति और खूबसूरती के बीच रेत पर पड़ती सूरज की किरणें यह बताती हैं कि प्रकृति कितनी खूबसूरत है.
घुमंतू लड़की-3: पहाड़ों की नशीली सी हवा का जादू
जो काम मैंने बन मक्खन के साथ किया था अगर बन मक्खन की कोई सोसाइटी होती तो उस वक़्त मेरे खिलाफ प्रोटेस्ट चालू हो चुका होता.
‘रोती हुई उस लड़की को मैं गले लगाना चाहता था लेकिन…’
…सिक्के का दूसरा पहलू कुछ और है. क्या हम इसलिए निंदा नहीं करें कि सबकुछ ठीक है और हमारे पक्ष में है?
ट्रिप यादगार बनाने के लिए बहुत काम के हैं ये 5 टिप्स
बैकपैकिंग ट्रिप्स हमेशा मजेदार होती हैं, खासकर तब जब आपके पास ‘बोझ’ ज्यादा ना हो!
घुमंतू लड़की-2: छोटे बालों वाली लड़कियों को लोग इतना घूरते क्यों हैं?
पहाड़ों में इतनी शांति ऐसी अजीब होती है कि आपको अपनी साँसें भी सुनाई देने लगती है. एक सूं सा सन्नाटा कान के चारों और चीखता है.
यहां दिखते हैं ज़िंदगी के असली रंग
ज़िंदगी के असली रंग घुमक्कड़ी की उन पगडंडियों पर दिखते हैं जहां हम भटक रहे होते हैं ...
किले के उस हिस्से में अजीब सी मनहूसियत थी…
ये वो शहर है जो छूटता नहीं है, वह आपके मन के उस कोने में जाकर बस जाता है, जहाँ से उसे दूर करना नामुमकिन है…
नर्मदा परिक्रमा: घुटनों तक साड़ी पहनी नंगे पैर चलती वो महिला…
मुझे नर्मदा से प्यार हो रहा है, धीरे-धीरे, ठीक वैसे ही जैसे हर किसी ने मुझे इसे अपनाने को कहा था.
नर्मदा परिक्रमा: एक आश्रम से दूसरे आश्रम की उम्मीद में…
सबकुछ जल्दी से पा लेने की होड़ में हमें जबरन भगाया जाता है. लेकिन….