मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में मैकल पहाड़ो में बसा अमरकंटक. जहाँ आकर मन, मस्तिष्क और आत्मा प्रफुल्लित हो जाते हैं. इस जगह के सान्निध्य मात्र से मानसिक तनाव और शारीरिक थकान दूर हो जाती है.
महाकवि कालिदास ने “मेघदूत” में इस जगह में रुकने के लिए कहा है. इसलिए आपको इस रमणीय स्थल पर कुछ दिन जरूर गुजारने चाहिए.
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क्या नर्मदा मैया कोई संकेत दे रही थीं?
मैं इसके लिए पहले से ही तैयार था. मैं पूरे दिन उसके बारे मे सोचता रहा. उसी की वजह से हम आज इस यात्रा पर थे.
वो आदमी तीन दिन से हमारा इंतज़ार कर रहा था…
हम एक ऐसे आदमी से मिले जो पिछले तीन दिन से हमारा इंतज़ार कर रहा था. उसकी बेटी विदेशी लोगों से मिलना चाहती थी.
किसी नदी को पैदल पार करने का सुख…
लोग हमें लेकर बहुत ही उत्सुक थे. वे जानना चाहते थे कि हमारे पास क्या-क्या सामान है? बॉटल में क्या रखा है?
‘ऐसा लगा जैसे अपनी बिछड़ी प्रेमिका से मिलने जा रहा हूं’
मैं सोच रहा हूं कि लोग कभी-कभी अपनी इच्छाओं की पूर्ति चक्कर में दूसरों की निजता तक को भूल जाते हैं.
‘इस यात्रा में हमने जो चाहा हमारी हर इच्छा पूरी हुई’
हमारी हर इच्छा मांगने के साथ ही पूरी होती गयी. मैंने यह बात जब लोगों को बतायी तो वे मुस्कुराते हुये बोले – “आगे-आगे देखो होता है क्या?”
‘रोती हुई उस लड़की को मैं गले लगाना चाहता था लेकिन…’
…सिक्के का दूसरा पहलू कुछ और है. क्या हम इसलिए निंदा नहीं करें कि सबकुछ ठीक है और हमारे पक्ष में है?
राजशाही ठाठ का एक अजीब और सुखद चेहरा देखा
राजपरिवार के कपड़े, गहने से लेकर जंग में इस्तेमाल में लाए जाने वाले छुरी, तलवार, बन्दूक, तोप देखकर हम दंग थे.
किले के उस हिस्से में अजीब सी मनहूसियत थी…
ये वो शहर है जो छूटता नहीं है, वह आपके मन के उस कोने में जाकर बस जाता है, जहाँ से उसे दूर करना नामुमकिन है…
नर्मदा परिक्रमा: ”यहां हमें भगवान की तरह ट्रीट किया गया”
मुझे लगा था कि सांप वाली कहानी आज के लिए पर्याप्त होगी. लेकिन कुछ और कहानियां अभी बाकी थीं.
नर्मदा परिक्रमा: घुटनों तक साड़ी पहनी नंगे पैर चलती वो महिला…
मुझे नर्मदा से प्यार हो रहा है, धीरे-धीरे, ठीक वैसे ही जैसे हर किसी ने मुझे इसे अपनाने को कहा था.
नर्मदा परिक्रमा: जब रास्ता भटके और अंधेरे में एक आवाज सुनाई दी ‘नर्मदे हर’
जल्द ही हमें कुछ आवाज़ें सुनाई दीं जो हमें वापस दूसरी तरफ जाने के लिए कह रही थीं. हमें समझ नहीं आ रहा था कि असल में कौन क्या कहना चाहता था.